दिल्ली में 26 जनवरी 2021 के दिन किसानो के द्वारा जोट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस ने कई थानों में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की हैं।
इनमें से नांगलोई थाने (दिल्ली) में जो एफआईआर दर्ज है उसमें न सिर्फ डकैती की धारा लगाई गई है बल्कि उन 40 किसान नेताओं के नाम भी एफ.आई.आर. में दर्जकिए गएहैं |
जो सरकार के साथ बातचीत के लिए विज्ञान भवन जाते थे। इस एफ.आई.आर. में योगेंद्र यादव का नाम प्रमुख है।
दिल्ली में उत्पात करने वालो पर एफ.आई.आर. की गई
जिनमें योगेन्द्र यादव समेत अन्य 40 नेताओ के नाम है जो सरकार से बातचीत करते थे
हमें मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को इस मामले में हिरासत में लिया गया है। नांगलोई पुलिस ने एफ.आई.आर. में डकैती की धारा इसलिए जोड़ी है
क्योंकि कुछ उपद्रवी नांगलोई पुलिस थाने से आंसू गैस के करीब 150 गोले भी छीन ले गए थे।
वहीं दिल्ली पुलिस ने ये भी जानकारी दी है कि, उसकी एफ.आई.आर. में (किसान ट्रैक्टर रैली के संबंध में एनओसी के उल्लंघन करने के लिए) किसान नेता दर्शन पाल, राजेन्द्र सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगेन्द्र सिंह उग्रा के नाम हैं। एफ.आई.आर. में बी.के.यू. के राष्ट्रीय प्रतिनिधि राकेश टिकैत का भी नाम है।
किसानों ने लाइव अपडेट का विरोध किया: 26 जनवरी की हिंसा में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में शीर्ष खेत नेताओं का नाम लिया
किसानों द्वारा कृषि सुधारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और राजधानी में पुलिस के साथ झड़प होने के एक दिन बाद,
अधिकांश नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकार ने ‘शांतिपूर्ण’ विरोध के लिए पूर्व-सहमति व्यक्त की, जो कि गणतंत्र पर हुई हिंसा पर 22 प्राथमिकी दर्ज की गई है।
नई दिल्ली कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने किसानों के ट्रैक्टर परेड में हिंसा को लेकर सवाल उठाए हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसानों ने 15 लोगों को पकड़कर दिल्ली पुलिस को सौंपे। उनका नाम उजागर होना चाहिए।
दिग्विजय ने कहा कि उन लोगों के पास सरकारी मुलाजिम होने का आईडी कार्ड मिला है।
मंगलवार को राजधानी में हुई हिंसा के मामले में 22 एफआईआर दर्ज की है। पुलिस की तरफ से कई किसान नेताओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव राजधानी में हुई हिंसा की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
माना जा रहा है कि पुलिस किसान नेताओं के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी में है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा
कि दिल्ली पुलिस आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी देगी
दिल्ली में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी,लेकिन कुछ ही देर में राजधानी की सड़कों पर अराजकता फैलगई।
राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव के खिलाफ FIR
दिल्ली में किसान नेता राकेश टिकैत और स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
अलग अलग थानों में अलग अलग नेताओं के नाम से केस दर्ज हुए हैं। इन लोगों के खिलाफ गाजीपुर, पाण्डव नगर और सीमापुरी थाने में केस दर्ज हुए हैं।
ईस्टर्न रेंज के जॉइंट कमिश्नर ने इस बारे में कन्फर्म किया है। पुलिस पर जहां जहां हमले हुए हैं, ज़्यादातर केस वहीं दर्ज हुए हैं।
पुलिस के अचानक रूट बदलने से हुई दिक्कत
दिग्विजय सिंह के अनुसार गाजीपुर बॉर्डर पर इसलिए दिक्कत हुई क्योंकि जो दिल्ली पुलिस ने रूट दिया था, उसके इन्होंने (पुलिस ने) बदल दिया।
और उस रूट पर बैरियर लगा दिए। उन्होंने कहा कि जब विवाद बढ़ा तो किसानों का कहना था कि आपने हमें इस रूट पर कहा तो अब हमें यहां से रैली निकालने की इजाजत दें।
इस रास्ते को खोलिए। इस पर पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी व लाठी चार्ज किया। इसके बाद विवाद बढ़ा।
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हिंसा पर किसानों का किया बचाव
कांग्रेस नेता ने कहा कि किसान दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। वो सत्याग्रह कर रहे हैं और वे लोग हिंसक नहीं हो सकते।
उन्होंने आंदोलन में षड्यंत्र होने की आशंका जताई। इससे पहले भी उन्होंने हिंसा को लेकर किसानों का बचाव किया था।
दिग्विजय सिंह ने हिंसा की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि किसान नहीं, दिल्ली पुलिस उग्र हुई थी।
300 से अधिक पुलिसकर्मी हुए घायल
कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरिकेड्स को तोड़ दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 एफआईआर दर्ज की हैं। हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।
गृह मंत्रालय को रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने के निर्देश
संस्कृति और पर्यटन मंत्री ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के साथ लाल किले का निरीक्षण किया।
उन्होंने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने के निर्देश दिए हैं, ताकि आरोपियों पर जल्द एफआईआर दर्ज की जा सके।
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